Election Commission का राजनीतिक पार्टियों को कड़ा संदेश जाति, धर्म और भाषा के आधार पर मांगा वोट तो खैर नहीं
आयोग द्वारा जारी निर्देश का पालन नहीं करने पर सख्त कार्रवाई की बात कही गई है।
नई दिल्ली। Election Commission लोकसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग ने राजनीतिक पार्टियों के लिए सख्त नियम जारी किए हैं आयोग ने जाति धर्म और भाषा के आधार पर वोट में मांगने की हिदायती है।
आयोग द्वारा जारी दिशा निर्देश
Election Commission ने राजनीतिक पार्टियों से कहा है कि वह जाति धर्म और भाषा के आधार पर वोट मांगने से परहेज करें तथा भक्ति एवं भगवान के बीच के संबंधों का उपवास नहीं उड़ाए अथवा देवी प्रकोप का हवाला नहीं दे। आयोग ने यह भी कहा कि मंदिर, मस्जिद, गिरजाघर, गुरुद्वारा या कोई अन्य पूजा स्थल का प्रयोग चुनाव प्रचार के लिए नहीं किया जाना चाहिए।
- ऐसे गतिविधियों में शामिल न होने के लिए कहा गया है, जो मतभेदों को बढ़ाती है या विभिन्न समूह को आपस में दुश्मनी के लिए उकसाती है।
- मतदाताओं को गुमराह करने के मकसद से झूठे बयानों या निराधार आरोप का प्रचार नहीं करना है।
- व्यक्तिगत हमलों से बचना है और राजनीतिक भाषण में मर्यादा बनाए रखना है।
- चुनाव प्रचार के लिए किसी मंदिर, मस्जिद, चर्च, गुरुद्वारा या किसी अन्य पूजा स्थल का प्रयोग नहीं किया जाना चाहिए।
- राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों को ऐसे किसी भी कामों या बयानों से बचने के लिए कहा गया है जिससे महिलाओं के सम्मान और गरिमा के खिलाफ माना जाता है।
- मीडिया को सत्यापित और भ्रामक विज्ञापन नहीं दिए जाने चाहिए।
- राजनीतिक दलों और उनके नेताओं को तथ्यात्मक आधार के बिना बयान नहीं देना चाहिए या मतदाताओं को गुमराह नहीं करना चाहिए।
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आयोग ने अपने निर्देश में कहा है कि सोशल मीडिया पर प्रतिद्वंद्वीयों को बदनाम करने वाले या उनका अपमान करने वाली पोस्ट तथा गरिमा पर चोट करने वाली पोस्ट नहीं किए जाने चाहिए या ऐसी सामाग्री पोस्ट नहीं की जानी चाहिए।