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हाथी अंग की तस्करी का शक: कटघोरा वनमंडल में 5 हाथियों की मौत?, DFO कुमार निशांत पर लगे ये गंभीर आरोप

कोरबा। हाथी अंग की तस्करी – छत्तीसगढ़ में वन्य प्राणी सुरक्षित नहीं है। आये दिन जंगली जानवरों की तस्करी के लिए शिकार किये जाने की खबरें सुनने को मिलती है। इसी तरह का मामला छत्तीसगढ़ के कटघोरा वनमंडल से आया है। यहां एक नहीं पांच हाथियों की मौत हो गई। लेकिन यह जानकारी लोगो तक नहीं पहुंची। मीडिया में भी खबर नहीं बनी। इस मामले को कटघोरा वनमंडल के डीएफओ कुमार निशांत ने दबा दिया! आखिर उन्होंने ऐसा क्यों किया। एक बड़ा सवाल है। आरोप है कि हाथी अंग की तस्करी दांत की तस्करी के लिए तस्करों ने हाथियों को करंट देकर मार दिया। इसलिए मामले का उजागर नहीं हुआ। ये घटना करीब दो महीने पहले की है। जिसका खुलासा अब हुआ है।

जानकारी के अनुसार पांच हाथियों का शिकार एटमानगर और केंदई रेंज में की गई है। जिसकी जानकारी आसपास के इलाके के लोगों को भी है, लेकिन डीएफओ कुमार निशांत ने मामले को वहीं दबा दिया। धमकी देकर जब का मुंह बंद करा दिया। जानकारों का कहना है कि कटघोरा में इस तरह के कई मामले सामने आए चुके हैं, जिसे शातिर तरीके से रफा दफा कर दिया गया। ऐसे मामले में आरोपियों को सख्त सजा दी जानी चाहिए।

इस संवेदनशील मामले में क्या डीएफओ भी सहभागी है, इस तरह के कई सवाल है, जिसे आसपास के लोग उठा रहे है। बता दें कि प्रदेश में हाथियों की सुरक्षा पर सरकार का विशेष ध्यान है। इसके बावजूद डीएफओ कुमार निशांत की इस कृत्य को बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए! ऐसे लापरवाह अधिकारी के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई होनी चाहिए! उसे जेल भेज देना चाहिए। ताकि हाथियों की दांत खरीद फरोख्त जैसे मामलों पर अंकुश लगाया जा सके! कटघोरा वनमंडल कार्यालय के अन्य जिम्मेदार लोगों पर भी कार्रवाई की जानी चाहिए।

बता दें कि छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले में पिछले दिनों हाथी को करंट देकर मार दिया गया। शव को छिपाने कई टुकड़ों में काट दिया गया। जब मामले का खुलासा हुआ तो पूरे प्रदेश में हड़कंप मच गया। आनन फानन में वन विभाग को कार्रवाई करनी पड़ी। विभाग ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। अधिकारियों ने कहा कि आरोपियों ने अपराध कबूल कर लिया और उनके बयानों के आधार पर हाथी के विभिन्न अंग जंगल से बरामद किए गए। अधिकारियों के मुताबिक, छत्तीसगढ़ में पिछले पांच वर्ष में 70 से अधिक हाथियों की मौत की सूचना मिली है। इनमें अधिकतर मौत करंट से हुई है।

सूरजपुर में जिस तरह से आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की गई, उसी तरह कटघोरा में भी करने की आवश्यकता है। लेकिन यहां डीएफओ पर ही गंभीर आरोप लगा है। ऐसे में कार्रवाई किस पर होगी। जांच कौन करेगा, एक बड़ा सवाल है। मामले उच्च अधिकारियों को संज्ञान लेना चाहिए। ताकि भविष्य में इस तरह के कृत्य को संरक्षण न दिया जा सके।

डीएफओ कुमार निशांत पर नौकरी से निकालने की धमकी का आरोप

डीएफओ कुमार निशांत कटघोला वनमंडल कार्यालय में अफसरशाही रवैये के चलते बदनाम है। वहीं उनकी हरकतों से निचले स्तर के कर्मचारी परेशान है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार डीएफओ भृत्य को अपने सरकारी आवास पर काम करने के लिए जबरन बुलाते हैं। ड्यूटी का समय हो जाने के बाद भी काम करने का दबाव बनाते हैं। महिला कर्मियों को भी घरेलू काम के लिए घर बुलाता है। उससे साफ सफाई समेत अन्य कार्य लेते हैं। जब कर्मचारी घरेलू काम करने से इनकार करते हैं तो नौकरी से निकाल देने की धमकी देते हैं। नौकरी बचाने के लिए कर्मचारियों को मजबूरी में अधिक समय तक घरेलू काम करने मजबूर है।

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