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WRD CG : भ्रष्ट अधिकारी के ऊपर साय सरकार मेहरबान, कार्रवाई के जगह नई जिम्मेदारी यही है साय सरकार का भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस

रायपुर। शासकीय अधिकारियों ने शासन की संपति को अपने बाप-दादाओं की निजी संपति समझ कर समय-समय पर ऐसा खेल किया कि शासन के खजाने से करोड़ो-अरबों की संपति अर्जित कर चल -अचल संपति इकठ्ठा कर आज सबसे ज्यादा मौज में है…। इसकी जांच सुक्ष्मता से कर दी जाए तो शासन को ऋण लेने की आवश्यकता ही ना पड़े।

रायपुर जलसंसाधन विभाग के आनंद कुमार निकोसे उपअभियंता, जल संसाधन उपसंभाग क्र. 1 रायपुर , अनुविभागीय अधिकारी राजस्व ,पटवारी, राजस्व निरीक्षक एवं तहसीलदार के साथ मिलकर मुआवजा देने के नाम करोड़ों का घोटाला कर शासन को तबीयत से चपत लगा दी। फलस्वरूप मामले की गंभीरता को लेते मुख्यालय राज्य आर्थिक अपराध अन्वेषण एवं एन्टी करप्शन ब्यूरो छत्तीसगढ़ रायपुर के निदेशक ने 14 मई 2025 को सचिव छत्तीसगढ़ शासन जलसंसाधन विभाग मंत्रालय महानदी भवन अटलनगर नवा रायपुर को पत्र प्रेषित कर इनके विरुद्ध जांच / विवेचना करने की अनुमति मांगी है… जिसमें छल पूर्वक मुआवजा की राशि पात्र व्यक्तियों को ना देकर अन्य ऐसे व्यक्तियों के नाम को दर्शा दिया जिसमें उनका कोई लेना-देना ही नहीं था।

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रायपुर -विशाखापट्नम प्रस्तावित ईकानामिक कारीडोर (भारत माला ) के भू-अर्जन के संबंध में शासन की अर्जित भूमि (जलाशय हेतु अर्जित भूमि) को पुन: शासन को विक्रय कर मुआवजा देने भूमि स्वामी के स्थान पर किसी अन्य व्यक्ति को मुआवजा दिए जाने एवं निजी भूमि के गलत मुआवजा एवं निजी भूमि के मूल खसरा एवं रकबा को टूकड़ों में विभाजित कर मुआवजा राशि के निर्धारण में अर्जन की जाने वाली निजी भूमि के बदले प्रभावितों को गलत ढंग से अधिक मुआवजा देते हुए शासन के साथ छल एवं धोखाधड़ी करते करोड़ों की हानि पहुंचाई है। जिसमें ईओडब्ल्यू / एसीबी ने आनंद कुमार निकोसे उपअभियंता जलसंसाधन उप संभाग क्र. 1 रायपुर, लोक सेवक निर्भय कुमार साहू तत्कालिन अनुविभागीय अधिकारी राजस्व अभनपुर, दिनेश कुमार पटेल हल्का पटवारी नं0-23 उरला, रोशन लाल वर्मा राजस्व निरीक्षक, शशिकांत कुर्रे तत्कालिन तहसीलदार अभनपुर, जितेन्द्र साहू तत्कालिन राजस्व निरीक्षक अभनपुर, बसंती घृतलहरे पटवारी, लखेश्वर प्रसाद, किरण तत्कालिन नायब तहसीलदार गोबरा नवापारा, लेखराम देवांगन पटवारी एवं अन्य द्वारा लोक सेवक के पद पर रहते हुए अपने-अपने पदों का दुरुपयोग किया।

ईओडब्ल्यू / एससीबी ने उनके विरूद्ध अपराध क्रमांक 30/2025 धारा-7 सी भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 (यथा संशोधित भ्र.नि.अधि. 2018) एवं धारा-467, 468, 471, 420, 120 बी भा.द.बी. के तहत प्रकरण दर्ज कर कार्यवाही शुरू कर दी है..

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्वच्छ भारत अभियान को इन अधिकारियों ने स्वच्छ शासन का खजाना की तर्ज पर साफ करते अपना खजाना भरने की ठान ली है.. ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ सिर्फ राज्य शासन ही नहीं केन्द्र सरकार भी संज्ञान लेकर उन पर गरीबों का हक छीनने के लिए उन्हे कड़ी सजा देते शासन के खजाने को चपत लगाकर करोड़ो-अरबों की अर्जित-संपति को राजसात कर बरख्वास्त करने और इन्हें पेशन से भी वंचित किया जाना -चाहिए ताकि अन्य भ्रष्टाचारी अधिकारियों पर लगाम लगाने का डर पैदा किया जा सके।

जलसंसाधन विभाग अधिकारियों का चारागाह बन चुका है। सनद रहे कि अविभाजित मध्यप्रदेश में तत्कालिन जलसंसाधन मंत्री सुभाष यादव ने रायपुर जिले के धमतरी रूद्री जलसंसाधन विभाग के 324 जल-संसाधन अधिकारियों को एक साथ निलंबित कर भ्रष्टाचार पर नकेल कसने जैसा अविश्वासनिय कार्य किया था। ऐसे में भ्रष्टाचार मुक्त देश का सपना देखने वाले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इन अधिकारियों पर क्या कार्यवाही करने का निर्देश देते हैं समय के गर्भ है… ताकि अन्य भ्रष्टाचारियों के लिए एक यह नज़ीर साबित हो सके।

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