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MOTA (Ministry of Tribal Affairs) CFR वन अधिकार पर भ्रम की स्थिति, वन मंत्री केदार कश्यप के हस्तक्षेप के बाद आदेश स्थगित

ग्रामीणों की आशंका के बीच राज्य सरकार का संवेदनशील रुख, CFRR आदेश रोका गया

मॉडल CFRR प्लान पर अब नहीं होगी जल्दबाज़ी, वन मंत्री ने दिए स्पष्ट निर्देश

रायपुर। छत्तीसगढ़ में MOTA (Ministry of Tribal Affairs) CFR सामुदायिक वन संसाधन अधिकार (CFRR) को लेकर हाल ही में जारी एक आदेश ने ग्रामीण क्षेत्रों में भ्रम की स्थिति पैदा कर दी थी। यह आदेश राज्य के प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख द्वारा मॉडल सीएफआर मैनेजमेंट प्लान के संदर्भ में जारी किया गया था, जिसमें अन्य विभागों, निजी व गैर-सरकारी संस्थाओं की भागीदारी की बात कही गई थी।

हालांकि, भारत सरकार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय से अब तक स्पष्ट मार्गदर्शन नहीं मिला है। मंत्रालय से मांगी गई ट्रेनिंग हैंडबुक, मैनेजमेंट प्लान की प्रति, और वन विभाग की भूमिका पर विस्तृत दिशा-निर्देश अब तक अप्राप्त हैं, जिसके चलते इस मुद्दे पर स्पष्टता नहीं बन सकी है।

इस स्थिति को देखते हुए माननीय वन मंत्री श्री केदार कश्यप के स्पष्ट दिशा-निर्देशों के बाद उक्त आदेश को स्थगित कर दिया गया है। वन मंत्री ने निर्देश दिया है कि जब तक भारत सरकार से स्पष्ट और व्यापक मार्गदर्शन प्राप्त नहीं हो जाता, तब तक किसी भी तरह का क्रियान्वयन न किया जाए।

इस निर्णय से CFRR को लेकर फैले भ्रम पर विराम लगने की उम्मीद है और यह स्पष्ट संकेत है कि राज्य सरकार आदिवासी समुदायों के अधिकारों और भावनाओं के प्रति गंभीर है।

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