राजनीति

छत्तीसगढ़िया भूपेश बघेल को जूते का कीड़ा कहना पड़ेगा भारी, माफ़ी मांगे भाजपा

रायपुर। छत्तीसगढ़िया मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को जूते का कीड़ा कहना भाजपा को भारी पड़ेगा। अपने बयान पर भाजपा नेता माफ़ी मांगे।

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में बहुसंख्यक आबादी के नेता, पिछड़ा वर्ग के किसान पुत्र भूपेश बघेल का मुख्यमंत्री होना भारतीय जनता पार्टी के नेता नेताओं को बर्दास्त नहीं हो रहा है। यही वजह है कि भाजपाई लगातार मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के खिलाफ व्यक्तिगत तौर पर स्तरहीन टिप्पणी कर रहे हैं।

पहले प्रतापगढ़िया रमन सिंह ने भूपेश बघेल को छोटा आदमी कहा, चूहा, बिल्ली और कुत्ता तक कहा, फिर भाजपा प्रभारी डी पुरंदेश्वरी ने थूक में बहाने की धमकी दी और अब इसी क्रम में विगत दिनों भाजपा के पूर्व मंत्री महेश गागड़ा ने सार्वजनिक मंच मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को जूते का कीड़ा कहकर अपमानित किया।

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि सत्ता में रहने के दौरान छत्तीसगढ़िया संस्कृति, प्रथा, परंपरा, रीति रिवाज, खान पान को हिकारत भरी नजरों से देखने वाले भारतीय जनता पार्टी के नेता राजनीतिक तौर पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का मुकाबला कर पाने में पूरी तरह अक्षम है। भूपेश सरकार में छत्तीसगढ़ में जो आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक समृद्धि आई है, छत्तीसगढ़िया स्वाभिमान और आत्मसम्मान की पुनर्स्थापना हुई है तो भाजपाईयों को पीड़ा हो रही है।

भाजपा ने सदैव ही ओबीसी वर्ग का अहित ही किया है। पिछड़ा वर्ग के खिलाफ़ षड्यंत्र करनेवाले भाजपाई दुर्भावना पूर्वक पूर्वाग्रह से ग्रसित होकर मुख्यमंत्री के खिलाफ़ अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं। इरादातन किए जा रहे अपमान पर छत्तीसगढ़ की जनता और पिछड़ा वर्ग भाजपा को माफ़ नहीं करेगा।

प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता सुरेंद्र वर्मा ने कहा है कि भाजपा ने सदैव वही छत्तीसगढ़ में पिछड़ा वर्ग को उपेक्षित ही रखा है। इतिहास गवाह है कि भाजपा के पिछड़ा वर्ग के तत्कालिन बड़े नेता ताराचंद साहू को अपनी उपेक्षा का शिकार होकर भाजपा छोड़ने मजबूर होना पड़ा। अब वही स्थिती चंद्रशेखर साहू की है। 15 साल के रमन राज में प्रतापगढ़िया रमन सिंह, रतलामी मूणत, राजस्थानी और गुजराती भाजपा नेताओं ने भाजपा के स्थानीय एससी, एसटी, ओबीसी नेता और कार्यकर्ताओं का भरपूर शोषण किया।

15 साल छत्तीसगढ़ में सत्ता में रहते छत्तीसगढ़िया स्वाभिमान और आत्मसम्मान को कुचलते रहे। भूपेश सरकार में जब स्थानीय एसटी, एससी, महिलाओं और सर्वाधिक आबादी वाले पिछड़ा वर्ग को सत्ता में प्रमुखता से भागीदारी निभाने का अवसर मिला है तो भारतीय जनता पार्टी के सामंतवादी नेताओं को हजम नहीं हो रहा है। भारतीय जनता पार्टी के नेता यह हजम नहीं कर पा रहे हैं कि प्रदेश के मुख्यमंत्री पिछड़ा वर्ग से हैं। प्रदेश के विधानसभा अध्यक्ष के तौर पर भी पिछड़ा वर्ग के नेता को अवसर मिला है।

सरकार में प्रदेश के गृहमंत्री पिछड़ा वर्ग से आते हैं। यही नहीं उच्च शिक्षा और खेल मंत्री सहित अधिसंख्यक विधायक, निगम, मंडल, आयोगों के अध्यक्ष के रूप में पिछड़ा वर्ग के लोगों को अवसर मिला है। सामाजिक न्याय के फार्मूले पर भूपेश सरकार ने प्रतिमान स्थापित किया है तो भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को तकलीफ हो रही है।

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